Munshi Premchand ki kahani से भारत में कम ही लोग ऐसे होंगे, जो वाकिफ ना हों! मुंशी प्रेमचंद हिंदी के उन लेखकों में से हैं, जिन्होंने आम हिंदुस्तानियों की ज़बान में उन्हीं की कहानियाँ बयाँ की हैं। उस समय भारत एक तरफ अँग्रेज़ों का गुलाम था, तो दूसरी ओर समाज में फैली विसंगतियों और विडंबनाओं के मार झेल रहा था। प्रेमचंद की कहानियाँ किसानों की समस्या, औरतों की दुर्दशा, दलितों की बदहाली सहित अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को अपना विषय बनाती हैं। Premchand ki kahaniya आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी कि आज से सौ साल पहले थीं। Munshi Premchand Hindi के उन रचनाकारों में से एक हैं, जिन्होंने गंभीर से गंभीर विषय को बड़ी ही सरलता और सहजता से अपनी कहानियों में प्रस्तुत किया है। मिसाल के तौर पर ईदगाह कहानी को ही देखिए, इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद गरीबी से ग्रसित एक छोटे से बच्चे हामिद का कितना सुंदर और स्वाभाविक चित्र खींचते हैं। एक बच्चे के मनोविज्ञान को समझते हुए, उसकी संवेदनाओं को कितने बेहतर ढंग से प्रदर्शित करते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि जिस व्यक्ति ने भी मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां पढ़ी या सुनी हैं, उस व्यक्ति में दीन-हीन लोगों के प्रति सहानुभूति के बीज ज़रूर पैदा हुए होंगे। सद्गति या पूस की रात जैसी कहानियाँ पाठकों के दिल को झकझोर कर रख देती हैं और दलितों की व्यथा बखूबी कहती हैं। Premchand की कहानियों में गाँधी की विचारधारा साफ तौर पर देखने को मिलती हैं, जिनमें वो उच्च आदर्शों को समाज के लिए ज़रूरी मानते हैं। Premchand hindi stories के पितामह कहे जा सकते हैं, क्योंकि व्यवस्थित ढंग से समाज के उपेक्षित वर्गों पर कहानियाँ लिखने की शुरुआत उन्हीं द्वारा की गई। और ना सिर्फ शुरुआत बल्कि कहानी लेखन के उच्च मानदंडों को भी Premchand ki stories स्थापित करने में कामयाब होती है। मानसरोवर कहानी संग्रह में एक से बढ़ कर एक, तीन सौ से भी अधिक कहानियाँ शामिल हैं। ये कहानियाँ शहर में बैठे भद्रजन ही नहीं पढ़ते बल्कि गाँव का एक साधारण व्यक्ति भी इन कहानियों का पाठक है। बूढ़ी काकी, बड़े घर की बेटी, पंच परमेश्वर, दो बैलों की कथा जैसी कहानियाँ लोग बड़े चाव से पढ़ते-सुनाते हैं। Premchand ki hindi kahaniya इंसान को इंसान समझने और अच्छे चरित्र को धारण करने और पूरे स्वाभिमान से जीवन जीने की प्रेरणा हम सभी को देती हैं। उनकी कहानियों का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि दुनिया भर की अनेक भाषाओं में उनकी कहानियों का अनुवाद किया गया है और अनेक देशों में उनकी कहानियों पर रीसर्च का काम भी किया गया है। इसीलिए प्रेमचंद बीसवीं सदी के भारत के बेहतरीन कहानीकारों में शुमार हैं। तो अगर आप भी भारतीय समाज, संस्कृति, मनोविज्ञान को समझने में दिलचस्पी रखते है, तो hindi stories of premchand ज़रूर पढ़ें। आप इन कहानियों को अपने दोस्तों, बच्चों के साथ भी साझा कर सकते हैं। तो आज ही Pratilipi पर मुंशी प्रेमचंद की श्रेष्ठ कहानियाँ पढ़ें।
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