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हिन्दी

दुराशा (प्रहसन)

4.7
2246

पात्र दयाशंकर -कार्यालय के एक साधारण लेखक आनंदमोहन -कालेज का एक विद्यार्थी तथा दयाशंकर का मित्र ज्योतिस्वरूप -दयाशंकर का एक सुदूर-सम्बन्धी सेवती -दयाशंकर की पत्नी [होली का दिन] (समय-9 बजे रात्रि ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    पवनेश मिश्रा
    11 April 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
  • author
    Sunita Acharya
    22 November 2020
    मुंशी जी की लेखनी को जितना पढ़ा जाए कम है उनकी हर कहानी में एक सामाजिक संदेश अवश्य होता है
  • author
    हरि ओम शर्मा
    01 August 2020
    मुंशी जी तारीफ से परे हैं । मौजूदा प्रहसन तत्कालीन समाज, रहन सहन और विचारों पर एक अच्छा कटाक्ष है ।
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    पवनेश मिश्रा
    11 April 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
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    Sunita Acharya
    22 November 2020
    मुंशी जी की लेखनी को जितना पढ़ा जाए कम है उनकी हर कहानी में एक सामाजिक संदेश अवश्य होता है
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    हरि ओम शर्मा
    01 August 2020
    मुंशी जी तारीफ से परे हैं । मौजूदा प्रहसन तत्कालीन समाज, रहन सहन और विचारों पर एक अच्छा कटाक्ष है ।