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हिन्दी

बौड़म

4.6
8167

मुझे देवीपुर गये पाँच दिन हो चुके थे, पर ऐसा एक दिन भी न होगा कि बौड़म की चर्चा न हुई हो। मेरे पास सुबह से शाम तक गाँव के लोग बैठे रहते थे। मुझे अपनी बहुज्ञता को प्रदर्शित करने का न कभी ऐसा अवसर ही ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neelu Trivedi
    22 जनवरी 2018
    का़श कि दुनिया में ऐसे ही बहुत सारे बौड़म होते तो यह दुनिया बहुत अच्छी होती चतुराई चालाकी थोड़ा कम होती ....
  • author
    Somya Pl
    19 जुलाई 2021
    such a very nice story and my Father used to call me baudham and never told me about the meaning of this particular word so I considered the word as mad but after he passed away and I read this story on pratilipi finally I got the real meaning of it .
  • author
    Chanda /darde425 Darde
    17 जून 2019
    मुंशीजी का क्या कहना। हर कहानी अलग हर कहानी में नवीनता आज भी उनके पात्र जीवीत प्रतीत होते हैं। और हमारी जिंदगी से मेल खाते हैं। हम खुद को खुशकिस्मत समझते हैं की आपकी रचनाएँ हमें पढने को मिली।
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    Neelu Trivedi
    22 जनवरी 2018
    का़श कि दुनिया में ऐसे ही बहुत सारे बौड़म होते तो यह दुनिया बहुत अच्छी होती चतुराई चालाकी थोड़ा कम होती ....
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    Somya Pl
    19 जुलाई 2021
    such a very nice story and my Father used to call me baudham and never told me about the meaning of this particular word so I considered the word as mad but after he passed away and I read this story on pratilipi finally I got the real meaning of it .
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    Chanda /darde425 Darde
    17 जून 2019
    मुंशीजी का क्या कहना। हर कहानी अलग हर कहानी में नवीनता आज भी उनके पात्र जीवीत प्रतीत होते हैं। और हमारी जिंदगी से मेल खाते हैं। हम खुद को खुशकिस्मत समझते हैं की आपकी रचनाएँ हमें पढने को मिली।