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हिन्दी

ख़ुदी

4.6
13868

मुन्नी जिस वक्त दिलदारनगर में आयी, उसकी उम्र पांच साल से ज्यादा न थी। वह बिलकुल अकेली न थी, माँ-बाप दोनों न मालूम मर गये या कहीं परदेस चले गये थे। मुत्री सिर्फ इतना जानती थी कि कभी एक देवी उसे खिलाया ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Preeti Sharma
    17 నవంబరు 2017
    hum is layak nhi ki munshiji ki rachna pr tippani karen. 🙏🙏
  • author
    Nitesh Waiker
    23 జులై 2020
    बहुत ही अच्छी रचना है आपकी...., किसी एक को दिल में रख कर उम्र उसके इंतेज़ार में गुजरना भी मोहब्ब्त है ,
  • author
    17 జూన్ 2020
    बहुत ही अच्छा लगा जब यह अद्वीतीय कलेक्शन देखा। इसके लिए आप का बहुत आभार। मैं ऐसा ही एक पूर्ण कलेक्शन महादेवी वर्मा जी का भी देखना चाहुंगा।
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    Preeti Sharma
    17 నవంబరు 2017
    hum is layak nhi ki munshiji ki rachna pr tippani karen. 🙏🙏
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    Nitesh Waiker
    23 జులై 2020
    बहुत ही अच्छी रचना है आपकी...., किसी एक को दिल में रख कर उम्र उसके इंतेज़ार में गुजरना भी मोहब्ब्त है ,
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    17 జూన్ 2020
    बहुत ही अच्छा लगा जब यह अद्वीतीय कलेक्शन देखा। इसके लिए आप का बहुत आभार। मैं ऐसा ही एक पूर्ण कलेक्शन महादेवी वर्मा जी का भी देखना चाहुंगा।