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हिन्दी

भूत

4.5
65194

मुरादाबाद के पंडित सीतानाथ चौबे गत 30 वर्षों से वहाँ के वकीलों के नेता हैं। उनके पिता उन्हें बाल्यावस्था में ही छोड़कर परलोक सिधारे थे। घर में कोई संपत्ति न थी। माता ने बड़े-बड़े कष्ट झेलकर उन्हें ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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    Sandhya Rajput "साँझ"
    20 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    Munshi ji naam he kafi h🙏🙏🙏
  • author
    mayank sharma
    02 ഏപ്രില്‍ 2018
    मुंसी प्रेमचंद का कोई सानी नहीं, उनकी रचनाएं आज भी उतनी ही नई और समकालीन लगती हैं जितनी कि दशकों पहले थी।
  • author
    Usha Garg "उषा"
    15 നവംബര്‍ 2018
    पालने वाला पिर्त तुल्य होता है चौबे जी की सोच एकदम गलत है
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    Sandhya Rajput "साँझ"
    20 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    Munshi ji naam he kafi h🙏🙏🙏
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    mayank sharma
    02 ഏപ്രില്‍ 2018
    मुंसी प्रेमचंद का कोई सानी नहीं, उनकी रचनाएं आज भी उतनी ही नई और समकालीन लगती हैं जितनी कि दशकों पहले थी।
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    Usha Garg "उषा"
    15 നവംബര്‍ 2018
    पालने वाला पिर्त तुल्य होता है चौबे जी की सोच एकदम गलत है