pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
Pratilipi Logo
श्राप
श्राप

आरम्भ में ही स्पष्ट कर दूँ यह कहानी नहीं है। कल, मैंने उसे सपने में न देखा होता तो शायद मेरी लेखनी गतिशील भी न होती। हठात् कल रात वह चुपचाप आकर, मेरे पायताने बैठ गई थी, उसी वधू वेश में, जिसमें ...

4.7
(160)
17 मिनट
पढ़ने का समय
7759+
लोगों ने पढ़ा
library लाइब्रेरी
download डाउनलोड करें

Chapters

1.

श्राप (भाग १)

2K+ 4.8 7 मिनट
07 सितम्बर 2022
2.

श्राप (भाग २)

2K+ 4.8 6 मिनट
10 सितम्बर 2022
3.

श्राप (भाग ३)

2K+ 4.7 4 मिनट
18 सितम्बर 2022