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मनगढ़ंत
मनगढ़ंत

आज मैंने फिर अपनी खिड़की से नीचे उसे देखा उसने रोज की तरह छाता पकड़ा हुआ था। लेकिन दिसंबर की भरी धुंध वाली सर्दियों में छाते का क्या काम। वो साया लगातार उसकी खिड़की की तरफ ही देख रहा था। शायद उसे ...

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1.

मनगढ़ंत

345 4.7 7 मिनट
30 नवम्बर 2022
2.

मनगढ़ंत

248 4.2 6 मिनट
02 दिसम्बर 2022
3.

मनगढ़ंत

225 4.6 8 मिनट
28 दिसम्बर 2022
4.

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7.

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8.

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9.

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