pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
Pratilipi Logo
जिंदगी कभी तुम मिल जाती
जिंदगी कभी तुम मिल जाती

जिंदगी कभी तुम मिल जाती

जिंदगी में कभी ख़ुशी कभी उदासी जिंदगी कभी ताजी कभी बासी जोगेश्वरी सधीर ...

2.1
(143)
1 घंटे
पढ़ने का समय
5751+
लोगों ने पढ़ा
library लाइब्रेरी
download डाउनलोड करें

Chapters

1.

जजमेंटल है क्या, फ़िल्म

1K+ 3.3 1 मिनट
12 अगस्त 2019
2.

दोपहर के ख्याल

535 3.7 1 मिनट
27 सितम्बर 2019
3.

नदी में आचमन करती बुआजी

315 3.7 2 मिनट
06 अक्टूबर 2019
4.

मेट्रो सीटी

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
5.

वृन्दा

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
6.

मेरे व बेटे के मुंबई जाने से अकेले हुए पति

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
7.

बेटे से ज्यादा बीमार थे वो लोग

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
8.

मधुरा

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
9.

माँ के होने का अहसास

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
10.

मुंबई जाने से पहले

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
11.

सुबह की सैर

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
12.

बदनामी करने वाली पड़ोसन

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
13.

कुछ ऐसा ही लगता था

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
14.

तब चिड़ियाएं भी बोलती थी

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
15.

ज़ब पेड़ों की छाया लम्बी पड़ती थी

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
16.

ज़ब गाड़ियां क्रास हुई

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
17.

वो घर के पास की सड़क का पुलिया

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
18.

अलविदा गांव !अलविदा अहले -वतन !

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
19.

शहर की हवा लग गई है

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
20.

गांव व घर से दूर मुंबई जाते हुए

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked