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भीखू
भीखू

अरी ! .....थोड़ी सी दारू दे ...दै ...मर जाऊँगो.....नहीं पीऊँगो तो....तू क्या ये ही चाहे .....। अब धनिया तो मानों .. फट पड़ी भीखू पर......... हाँ.. हाँ ...., हम सब यही चाहें......तभी तो ललिया काम धन्धे पर जात है , तुमका का पड़ी .....कहाँजात है ......का करत है .... तुम्हे तो मुंहजरी जे .....दारू ही चाहे........। कछु मालुम है , बा दिना ... डा. बाबू का बोले हते .......

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1.

भीखू

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03 ഒക്റ്റോബര്‍ 2019