pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
Pratilipi Logo
सच का शोर
सच का शोर

प्रथम अध्याय: रहस्यमयी पत्र लखनऊ की वह सुबह आम दिनों जैसी नहीं थी। जनवरी की सर्द हवाएं गलियों में घूम रही थीं और छतों से धुंआ उड़ता दिख रहा था। शुक्ला जी अपने बरामदे में बैठकर हाथों में अख़बार और ...

29 मिनट
पढ़ने का समय
104+
लोगों ने पढ़ा
library लाइब्रेरी
download डाउनलोड करें

Chapters

1.

सच का शोर

30 5 4 मिनट
24 अप्रैल 2025
2.

द्वितीय अध्याय: सच की परछाई

21 5 6 मिनट
25 अप्रैल 2025
3.

तृतीय अध्याय

15 5 4 मिनट
26 अप्रैल 2025
4.

चतुर्थ अध्याय

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
5.

पंचम अध्याय

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
6.

षष्ठम अध्याय

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
7.

उपसंहार

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked