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सुबह की कविताएं
सुबह की कविताएं

सुबह की कविताएं

धीमे-धीमे खोलती किरन, अंधकार का हर एक दर्पण। सूरज की कोमल गोद में, सोई धरती जागे नूतन। ओस के मोती घासों पर, चमके जैसे तारे नभ पर। हवा की मंद मदिरा बोली, खोलो पलकें, यह सुबह अनोखी। चहक रहे हैं ...

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Chapters

1.

सुबह की दस्तक

3 5 1 मिनट
10 दिसम्बर 2024
2.

प्रभात का संदेश

2 5 1 मिनट
10 दिसम्बर 2024
3.

भोर की पहली किरण

1 5 1 मिनट
10 दिसम्बर 2024
4.

सूरज की मुस्कान

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5.

सुबह की गुंज

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6.

प्रभात की कविता

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7.

सुबह की सरगम

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8.

मीठी सुबह

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9.

आज की सुबह

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10.

सुबह की सरंगम

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11.

सुबह की कविता

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12.

सरपट दौड़ती सुबह

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13.

सुबह का उजाला

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14.

सुबह की पहली किरण

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15.

सूरज का संदेश

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16.

सुबह की किरण

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17.

सूरज और बादल

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18.

सुबह की रोशनी

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19.

सुबह का मौसम

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20.

सुबह का संजोग

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