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जो बूंद से गई वो...
जो बूंद से गई वो...

रात के 9 बजे समंदर के किनारे रेत पर उभरे एक टीले पर महेंद्र बैठा था। समंदर के पानी की बड़ी बड़ी लहरें पास आती थी, और चली जाती थी। उन लहारोंको निहारना  उसके जीवन का जैसे हिस्सा बन गया था। आदिति के ...

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Chapters

1.

जो बूंद से गई वो...

599 4.8 9 മിനിറ്റുകൾ
14 ഏപ്രില്‍ 2021
2.

जो बूंद से गई वो...... पार्ट 2

481 4.7 11 മിനിറ്റുകൾ
16 ഏപ്രില്‍ 2021
3.

जो बूंद से गई वो..... पार्ट 3

443 4.6 11 മിനിറ്റുകൾ
17 ഏപ്രില്‍ 2021
4.

जो बूंद से गई वो..... पार्ट 4

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5.

जो बूंद से गई वो..... पार्ट 5

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6.

जो बूंद से गई वो ..... पार्ट 6

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7.

जो बूंद से गई वो ..... पार्ट 7

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8.

जो बूंद से गई वो..... पार्ट 8

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9.

जो बूंद से गई वो....... पार्ट 9

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