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प्रेरक कविताएं
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प्रेरक कविताएं

त्रुटि के भय से कब मानी हार, कब मैंने प्रयास करना छोड़ दिया है ? दो नन्हे-नन्हे कदमों से चलकर, आज मैंने सारा अंतरिक्ष नाप लिया है। सीमा कहांँ है मेरे प्रयासों की, चांद भी इन कदमों को पहचान गया ...

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Chapters

1.

जीना है तो मरना सीखो

67 4.9 1 മിനിറ്റ്
10 ജൂണ്‍ 2022
2.

प्रयास

70 4.8 1 മിനിറ്റ്
12 ജനുവരി 2021
3.

ख़ुद और ख़ुदा

54 4.8 1 മിനിറ്റ്
20 നവംബര്‍ 2020
4.

जीवन मंत्र

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5.

हमसाया

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6.

मेरी उड़ान

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7.

अनुभवों का कोई मोल नहीं

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8.

पौधे, प्रेम और कविता का अंकुर फूटना

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9.

अंकुर

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10.

अस्तित्व

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11.

इच्छाशक्ति

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12.

चाहो अगर तो

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13.

आत्मपरिचय

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14.

मत दो दया की भीख

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15.

मन का आंगन बुहार दें

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