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प्रेम के दोहे
प्रेम के दोहे

प्रेम के दोहे

दोहे प्रेम करुणा और दया,का हुआ है अकाल। मानवता है रो रही,नाच रहा है काल। एक ऐसा पेड़ लगे,जिसमें उपजे प्रेम। सभी मन मुस्कान सजे,बढ़े हृदय में हेम। महेश'अमन' ...

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प्रेम के दोहे

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01 सितम्बर 2021