रात का समय था, बाहर आसमान में बादल रह रहकर गरज रहे थे और बिजली भी यदा कदा चमक कर अपनी उपस्थिति का अहसास करा ही देती थी। दो आंंखें अपने अँधेरे से भरे कमरे में खिड़की के पास खड़े हो उन बादलों और कडकती बिजली को देख रही थीं , कुछ ऐसा ही तूफान उसके सीने में भी था जो बाहर निकलने को बेताब था पर कोई ऐसा ना था जो उस तूफान की गहराई को समझ सके इसलिए सब कुछ सीने में ही कहीं दफन कर दिया गया।
अपने दोस्तों के साथ साझा करें:
2337922
18 घंटे
भाग
रात का समय था, बाहर आसमान में बादल रह रहकर गरज रहे थे और बिजली भी यदा कदा चमक कर अपनी उपस्थिति का अहसास करा ही देती थी। दो आंंखें अपने अँधेरे से भरे कमरे में खिड़की के पास खड़े हो उन बादलों और कडकती बिजली को देख रही थीं , कुछ ऐसा ही तूफान उसके सीने में भी था जो बाहर निकलने को बेताब था पर कोई ऐसा ना था जो उस तूफान की गहराई को समझ सके इसलिए सब कुछ सीने में ही कहीं दफन कर दिया गया।
अपने दोस्तों के साथ साझा करें:
आप केवल प्रतिलिपि ऐप पर कहानियाँ डाउनलोड कर सकते हैं