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नशीली आंखें ❣️❣️
नशीली आंखें ❣️❣️

नशीली आंखें ❣️❣️

नशीली आँखे, जलते होठ, बिखरी जुल्फ़ें, क्यों बार-बार आती हैं ख़्वाबों में सामने। शरारती बातें, उलझे लम्हे, धड़कते साये, चुरा के चैन मेरा ये रूठ जाएं न कहीं। तपिश सी छेड़ती है ये ख़ामोश रातें, ...

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Chapters

1.

नशीली आंखें ❣️❣️

10 5 2 मिनट
11 दिसम्बर 2024
2.

बवाल 💞

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26 दिसम्बर 2024
3.

चांदनी का जाम 💞💞

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31 दिसम्बर 2024