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मैं जाना चाहती हूं उसके पास
मैं जाना चाहती हूं उसके पास

मैं जाना चाहती हूं उसके पास

"निशान मिट जाते है,मंजिल मिलती...फिर रास्ते ..फिर मंजिले बदलते रहते है रास्ते,हमसफर सब बदल जाते है,मौसम बदल जाते हैं,मगर दिल के कोने में पड़ी यादें सदेव सोई सी रहती है,कोई जगाने वाला चाहिए होता ...

4.2
(17)
31 मिनट
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Chapters

1.

"मैं जाना चाहती हूं उसके साथ"

594 4.3 2 मिनट
15 अप्रैल 2022
2.

भाग 2

465 4 3 मिनट
16 अप्रैल 2022
3.

भाग 3

430 4.5 3 मिनट
18 अप्रैल 2022
4.

भाग 4

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5.

भाग 5

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6.

भाग 6

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7.

भाग 7

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8.

भाग 8

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9.

भाग 9

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10.

भाग 10

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