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मैले घूंघट
मैले घूंघट

मैले घूंघट

" मैले घूंघट गई छिचक हूँ" चिर पियु की मैं विच्छिन्न जोति विषम धरा आ गई अटक हूँ छोह-मोह  माया  के  पिंजर द्वेष-राग चक गई अटक हूँ।। उद्वेलित संचर झन वेदन त्रसन बधिक की मृग भयभीता भावों का ...

4.5
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Chapters

1.

मैले घूंघट

91 4.8 1 मिनट
14 जून 2021
2.

पल-पल द्वार खडी हो जाती

33 5 1 मिनट
31 मई 2018
3.

"छोड यहीं अभिशप्त गठरिया"

29 4 1 मिनट
01 अप्रैल 2018
4.

मत पूरणमासी कजलाओ

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5.

अलि वे केवल तेरे अपने

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6.

रोटियों का गोल उजाला

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7.

नयना चषक भरूगाँ

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8.

अंतस बीच बनी जो बाधा

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9.

नही एकाकी घबरायेगी

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10.

क्या होगा ऐसी समता में

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