बाधाओं से लड़कर ही, कस्ती पार होती है। लड़कर जीतने वाले की ही, जय जयकार होती है। कुसुम रूम में बैठी पढ़ रही थी तभी उसकी मां कमला वहां आईं और कुसुम के सिर पर हाथ फेरते उससे कहा- बेटा दिन भर मेहनत और फिर सुबह तीन बजे जाग जाती हो। तुम्हें इतनी मेहनत करते देखकर फिक्र होती है मुझे। अपना खयाल रखा करो। अपना खयाल रखना भी जरूरी है बेटा। कुसुम अपनी मां की बात का कोई जवाब देती उससे पहले बाहर से आ रही उसकी भाभी शीला की आवाज कुसुम के कानों में पड़ी। जो कि उसके भाई से बात कर रही थी। या यूं कहना भी गलत नहीं ...
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22 घंटे
भाग
बाधाओं से लड़कर ही, कस्ती पार होती है। लड़कर जीतने वाले की ही, जय जयकार होती है। कुसुम रूम में बैठी पढ़ रही थी तभी उसकी मां कमला वहां आईं और कुसुम के सिर पर हाथ फेरते उससे कहा- बेटा दिन भर मेहनत और फिर सुबह तीन बजे जाग जाती हो। तुम्हें इतनी मेहनत करते देखकर फिक्र होती है मुझे। अपना खयाल रखा करो। अपना खयाल रखना भी जरूरी है बेटा। कुसुम अपनी मां की बात का कोई जवाब देती उससे पहले बाहर से आ रही उसकी भाभी शीला की आवाज कुसुम के कानों में पड़ी। जो कि उसके भाई से बात कर रही थी। या यूं कहना भी गलत नहीं ...
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