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कालिदास रचित मेघदूत हिन्दी अनुवाद , स्वर डॉ वीणा छंगाणी श्लोक 1 से24
कालिदास रचित मेघदूत हिन्दी अनुवाद , स्वर डॉ वीणा छंगाणी श्लोक 1 से24

कालिदास रचित मेघदूत हिन्दी अनुवाद , स्वर डॉ वीणा छंगाणी श्लोक 1 से24

मेघदूतम् महाकवि कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर देता है। निष्कासित यक्ष रामगिरि पर्वत पर निवास करता है। वर्षा ऋतु में उसे अपनी प्रेमिका की याद सताने लगती है। कामार्त यक्ष सोचता है कि किसी भी तरह से उसका अल्कापुरी लौटना संभव नहीं है, इसलिए वह प्रेमिका तक अपना संदेश दूत के माध्यम से भेजने का निश्चय करता है। अकेलेपन का जीवन गुजार रहे यक्ष को कोई संदेशवाहक भी नहीं मिलता है, इसलिए उसने मेघ के माध्यम से अपना संदेश विरहाकुल प्रेमिका तक भेजने की बात सोची। इस प्रकार आषाढ़ के प्रथम दिन आकाश पर उमड़ते मेघों ने कालिदास की कल्पना के साथ मिलकर एक अनन्य कृति की रचना कर दी।[1]

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Chapters

1.

कालिदास रचित मेघदूत हिन्दी अनुवाद , स्वर डॉ वीणा छंगाणी श्लोक 1 से24

307 0 1 मिनिट
19 जुन 2021
2.

कालिदास रचित मेघदूत हिन्दी अनुवाद श्लोक 25 से 66

57 0 1 मिनिट
22 जुन 2021
3.

मेघदूत कालिदास उत्तरमेघ श्लोक 1 से 30

37 0 1 मिनिट
23 जुन 2021
4.

मेघदूत कालिदास उत्तरमेघ अंतिम भाग श्लोक 31 - 55

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