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ज़िन्दगी की कहानी ...
ज़िन्दगी की कहानी ...

ज़िन्दगी की कहानी ...

आगे सफर था और पीछे अपनो का साथ था रूकते तो‌ सफर छूट जाता और चलते तो अपनो का साथ छूट जाता ... ए‌ कान्हा ये कैसी मोड़ हैं आई जहां मंजिल की भी हसरत थी और अपनों से भी मोहब्बत थी ए कान्हा तू ही ...

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हर एक वक्त ⏱️ एक जैसा नहीं होता ...

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2.

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