विवेक बिस्तर पर ही लेटे- लेटे आंखे बंद करके मुस्कुरा रहा था । तभी धीरे से अवनी दरवाजा खोलती है और विवेक को बोलती है कि ... ओह आज तो विवेक साहब सुबह- सुबह ही मुस्कुरा रहे है। क्या बात है जनाब? विवेक -अरे दीदी , क्या आप भी ना सपना तोड़ दिया मेरा जाओ मैं आपसे बात नहीं करूंगा 😏 अवनी- अरे अरे धीरे बोले देखो परी अभी सो रही है । तब विवेक बोलता है अच्छा जी हमे जगा दिया और परी को सोने दे रही है उसे भी उठाइए...ऐसा बोलते ही वो परी को उठाने लगता है ।परी उठ जा अवनी- अरे क्या कर रहे हो , याद नहीं है क्या ...
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भाग
विवेक बिस्तर पर ही लेटे- लेटे आंखे बंद करके मुस्कुरा रहा था । तभी धीरे से अवनी दरवाजा खोलती है और विवेक को बोलती है कि ... ओह आज तो विवेक साहब सुबह- सुबह ही मुस्कुरा रहे है। क्या बात है जनाब? विवेक -अरे दीदी , क्या आप भी ना सपना तोड़ दिया मेरा जाओ मैं आपसे बात नहीं करूंगा 😏 अवनी- अरे अरे धीरे बोले देखो परी अभी सो रही है । तब विवेक बोलता है अच्छा जी हमे जगा दिया और परी को सोने दे रही है उसे भी उठाइए...ऐसा बोलते ही वो परी को उठाने लगता है ।परी उठ जा अवनी- अरे क्या कर रहे हो , याद नहीं है क्या ...
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