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हास्य कविता
हास्य कविता

नजरें एक जगह पर टिकती नहीं, इन चेहरों को छोड़ कुछ देखती नहीं। इन चेहरों को इग्नोर करते जो हम , सामगृयां ये मेक अप की बिकती नहीं।। चलो माना कि हम सब सुधर जायेंगे , फिर बिचारे हैं जो,ये किधर ...

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हास्य कविता

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04 फ़रवरी 2021