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गुस्ताखी माफ.... सराफत का अब कोई अस्तित्व नही
गुस्ताखी माफ.... सराफत का अब कोई अस्तित्व नही

गुस्ताखी माफ.... सराफत का अब कोई अस्तित्व नही

ऐसा क्यो होता है जब सब कुछ अच्छा होता है और दिल गुस्ताखी कर देता है क्यो होता है अस्तित्व का कोई मोल नही होता.... बस नजरो का फेर होता है और सब कुछ वही होता है इलजाम भी लगते है मशरूफ ऐ माफी ...

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1.

गुस्ताखी माफ.... सराफत का अब कोई अस्तित्व नही

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4.

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5.

जिंदगी के इन मैलो से मै खुद जूझ रही हू... आपकी तारिफ करू मै हर रोज टूट रही हू..

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6.

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7.

रंजिशें

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