pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
Pratilipi Logo
गीत, कविता और शेर
गीत, कविता और शेर

गीत, कविता और शेर

कुछ पगडंडी, कुछ राहें थी जिनमें सुनसान सदायें थी हल्के से छू कर इतराती जो अब वो खामोश, हवाएं सी उस माझी के दर्पण का हर अक्स बिखर कर टूट गया कुछ याद हुआ जो बीत गया एक चेहरा था, दो आंखे थी हर बार ...

4.5
(90)
7 मिनट
पढ़ने का समय
2602+
लोगों ने पढ़ा
library लाइब्रेरी
download डाउनलोड करें

Chapters

1.

कुछ याद हुआ, जो बीत गया

332 4.9 1 मिनट
26 अगस्त 2018
2.

तेरी मेरी यादें

283 4.2 1 मिनट
04 दिसम्बर 2017
3.

कुछ वादे, जहाँ मैं और तू है

757 4.2 1 मिनट
24 अप्रैल 2017
4.

आशियाना मिला है..!

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
5.

बेहद खास हूं मैं..!

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
6.

प्यार है..?

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
7.

ये जज़्बात है..!

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
8.

नज़रों ही नज़रों में, इशारे मिल गए

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
9.

जो हुआ वो हो गया होगा..!

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked
10.

समय के बच्चे ( नया साल )

इस भाग को पढ़ने के लिए ऍप डाउनलोड करें
locked