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एक खोई
एक खोई

एक दिन चलते-चलते यों ही ढुलक जाएगी गरदन सबसे ज़्यादा दुख सिर्फ़ चश्मे को होगा, खो जाएगा उसका चेहरा अपनी कमानियों से ब्रह्मांड को जैसे-तैसे थामे वह भी चिमटा रहेगा मगर कैसी ज़िंदगी जिए अपने ही में ...

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एक खोई

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05 अगस्त 2024