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दर्द -ए -मोहब्बत (शेर)
दर्द -ए -मोहब्बत (शेर)

दर्द -ए -मोहब्बत (शेर)

रात थी भयानक मगर लाजवाब उसका साथ था। कंधे पे सिर उसका मेरे हाथों में उसका हाथ था। चल दिए दोनों जहां मुकम्मल होना ख़्वाब था। लगा वो अब भर जाएगा जो दूरियों से घाव था। यूं ही दोनों खुश ज़िंदगी को ...

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Chapters

1.

रात थी भयानक मगर.......!!

22 5 1 मिनट
17 दिसम्बर 2022
2.

"लेखनी कहूं या...✍️

17 5 1 मिनट
24 दिसम्बर 2022
3.

"किससे कहूं??

7 5 1 मिनट
19 जनवरी 2023
4.

"रास्तों का निशान नहीं"

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5.

रचना 05 Feb 2023

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