pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
Pratilipi Logo
चंद अफ़सोस....!!!
चंद अफ़सोस....!!!

चंद अफ़सोस....!!!

चाँद सा मन चांदनी बन सुनहरी झील में डूबता है। रात में ठिठुर सुबह ओस की बूंद बन गुलाब पर ठहरता है। तुम्हें देख भर लेने को आतुर सूरज की तपिश सहता है। तेरे इंतज़ार में मर मर जीता है!! ...

4.9
(12)
1 मिनट
पढ़ने का समय
112+
लोगों ने पढ़ा
library लाइब्रेरी
download डाउनलोड करें

Chapters

1.

चंद अफ़सोस....!!!-चंद अफ़सोस....!!!

112 4.9 1 मिनट
16 दिसम्बर 2018