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बैरन बरखा
बैरन बरखा

जल रहा है हर तरफ धुआं उठा है उस तरफ सुलग रही चिताएं है इस निगोड़ी बारिश में शमशान घाट के एक कोने में घुटनों पर सिर रख कर बैठी हुई  इच्छा  शून्य में खोई हुई थी ,सूजी हुई लाल आंखें, फैला हुआ काजल, ...

4.8
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Chapters

1.

बैरन बरखा

348 4.7 8 मिनट
04 जुलाई 2021
2.

बैरन बरखा: भाग 2

279 5 4 मिनट
06 जुलाई 2021
3.

बैरन बरखा: भाग 3

272 4.8 5 मिनट
07 जुलाई 2021
4.

बैरन बरखा भाग 4

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5.

बैरन बरखा भाग 5

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6.

बैरन बरखा : भाग 6

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7.

बैरन बरखा : भाग 7

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8.

बैरन बरखा : भाग 8

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9.

बैरन बरखा: भाग 9

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10.

बैरन बरखा : अंतिम भाग

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