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अंतिम  प्रया ण
अंतिम  प्रया ण

अंतिम प्रया ण

कठोपनिषद मैं कहा गया है की आत्मा सहस्त्रार से होते हुए ब्रह्मा रंद्र में चली जाती है सहस्त्रार एक कुंडली होती है जो हजार भागों से आती हुई ब्रह्म रंध्र में होती हैl. यह आत्मा पांच प्रकार के आवरण ...

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Chapters

1.

कुंडलिनी और सहस्त्रार

84 5 2 മിനിറ്റുകൾ
10 മാര്‍ച്ച് 2021
2.

भू वन और लोक

43 5 2 മിനിറ്റുകൾ
11 മാര്‍ച്ച് 2021
3.

कुंडलिनी जागृत करना

48 5 4 മിനിറ്റുകൾ
14 മാര്‍ച്ച് 2021
4.

कुंडलिनी जागरण के पश्चात

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5.

मूलाधार चक्र से आज्ञा चक्र का सफर

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6.

कुंडलिनी जागरण के लक्षण भाग 7

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7.

कुंडलिनी जागरण का प्रथम सोपान भाग 8

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8.

कुंडलिनी जागरण का भय भाग 9

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9.

अंतिम प्रया ण

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10.

आईना झूठा है

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