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अगर पेड़ भी चलते होतेकविता
अगर पेड़ भी चलते होतेकविता

अगर पेड़ भी चलते होतेकविता

अगर पेड़ भी चलते होते, कितने मजे हमारे होते, बांध तने में उसके रस्सी, चाहे जहाँ कहीं ले जाते। जहाँ कहीं भी धूप सताती, उसके नीचे झट सुस्ताते, जहाँ कहीं वर्षा हो जाती, उसके नीचे हम छिप जाते। लगती ...

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अगर पेड़ भी चलते होतेकविता

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30 मार्च 2025