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आंखों की बारिश!
आंखों की बारिश!

ऐसे बरसे मेरी आंखें आज, कि दिल से सारे गम धुल जाए ना रहे निशां कोई जख्मे दिल का जमाने को कुछ भी नज़र ना आए क्यों देखा था मैंने,तेरी निगाहों में आज भी खुद पर अफ़सोस है जाने क्यों आ गई, तेरी बातों ...

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Chapters

1.

आंखों की बारिश!

44 5 1 मिनट
08 जुलाई 2022
2.

खुद से करती हूं खुद की बातें!

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26 नवम्बर 2021
3.

मैं सब-कुछ भूल जाती हूं!

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27 नवम्बर 2021
4.

मुझसे नाराज़ मत होना!

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5.

मुझे बस इतना पता है!

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