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ગઝલ
ગઝલ

ચાંદની મધરાતમાં હું હતો એકલો જોઈ ચાંદની  ચમકતો  થઈ ગયો ઉછીનું  અજવાળુ લઈને એકલો ચેહરે  પડ્યા ડાઘને છુપાવી  ગયો મધદરિયે થઈ છે મદહોશ ચાંદની લહેરો પર રમત એને રમાડી ગયો અમૃત  બિંદુઓ વરસાવ્યાં  પૂનમે ...

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Chapters

1.

ચંદ્ર કલા

203 4.9 1 मिनट
06 नवम्बर 2019
2.

વાલમની વાટ

191 5 1 मिनट
11 अगस्त 2019
3.

કહી ના શકાય

118 4.7 1 मिनट
02 सितम्बर 2019
4.

ईश्क कर बैठा

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5.

'महेरबानियां'

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6.

જીવન મારુ બદલાઈ ગયું

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7.

જીવી ગયાં છીએ

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8.

કૃષ્ણની કૃતિ મનુષ્યની વૃતિ

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9.

મનુષ્ય ગૌરવ

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10.

જીવન ખેલ

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11.

શોધી આપું

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12.

અભિલાષા

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13.

ઇન્તેજાર

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14.

વાતનાં વડાં

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15.

"ईश्क को अमर होने दो"

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16.

દેવાનંદ

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17.

લાગણીઓ

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18.

વરસાદ પણ વિચારીને આવશે

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19.

શુદ્ધ મન શોધે કનૈયો

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20.

હા કહી દે તું

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