pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

विश्वास-विश्वास

4.5
24860

मुंबई की एक छोटी सी जगह मे आकाश अपने माता-पिता के साथ रहता है।आकाश के घर के ठीक सामने उसकी ही हमउम्र की एक लड़की नीलू भी अपने माता पिता के साथ रहती है। नीलू भी आकाश की ही तरह अपने माता पिता की ...

अभी पढ़ें
विश्वास-
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें विश्वास-
अमित पाण्डेय
5

धीरे-धीरे समय बीतता जाता है। आकाश मन लगाकर पढ़ाई करता है और थर्ड डिवीजन में हाई स्कूल का एग्जाम पास करता है। उस दिन नीलू खुशी से उसके घर आती है और उसके हाथ से मिठाई खाती है। “देखो मैंने कहा था ना कि ...

Hurray!
Pratilipi has launched iOS App

Become the first few to get the App.

Download App
ios
लेखक के बारे में
author
अमित पाण्डेय

निवासी:आजमगढ़(उत्तर प्रदेश)

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kiran Tiwari
    11 अगस्त 2019
    विश्वास के कारण ही भटका नहीं, वो अंग्रेजी और गणित में असफल हो रहा था, परन्तु कहानी में ये नहीं बतलाया गया है कि वह हिन्दी में बहुत अच्छा था, जो कि एक लेखक के लिए जरूरी है, फिरभी अच्छी स्तरीय रचना के लिए आपको बधाई ।
  • author
    M
    21 मई 2020
    वाव कहानी बोहत ही अच्छी थी ऐसा लग रहता जैसे ये स्टोरी नही बल्कि हकीकत है आज की भागदौड़ की जीवन में हर किसिंको ऐसी तकलीफो का सामना करना पड़ता है।वो तो आकाश की मेहनत थी की उसने हार नही मानी। और नीलू उसके साथ हमेशा खड़ी रही।आजकल तो ये सब हर किसिके घर में होता है मा बाप को अपने बेटे की भविष्य की चिंता होति है सुरपब लिखा कहना तो बोहत ही चाहता हु पर जितना भी कहु कम ही है सो बोहत ही सुंदर👌👌👌👌👌💐💐💐👌💐👌
  • author
    Virendra Kumar
    21 मई 2020
    अति सुन्दर एवं प्रेरक कहानी ‌। बराबर कर्म करते हुए सकारात्मक सोच रखें ।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kiran Tiwari
    11 अगस्त 2019
    विश्वास के कारण ही भटका नहीं, वो अंग्रेजी और गणित में असफल हो रहा था, परन्तु कहानी में ये नहीं बतलाया गया है कि वह हिन्दी में बहुत अच्छा था, जो कि एक लेखक के लिए जरूरी है, फिरभी अच्छी स्तरीय रचना के लिए आपको बधाई ।
  • author
    M
    21 मई 2020
    वाव कहानी बोहत ही अच्छी थी ऐसा लग रहता जैसे ये स्टोरी नही बल्कि हकीकत है आज की भागदौड़ की जीवन में हर किसिंको ऐसी तकलीफो का सामना करना पड़ता है।वो तो आकाश की मेहनत थी की उसने हार नही मानी। और नीलू उसके साथ हमेशा खड़ी रही।आजकल तो ये सब हर किसिके घर में होता है मा बाप को अपने बेटे की भविष्य की चिंता होति है सुरपब लिखा कहना तो बोहत ही चाहता हु पर जितना भी कहु कम ही है सो बोहत ही सुंदर👌👌👌👌👌💐💐💐👌💐👌
  • author
    Virendra Kumar
    21 मई 2020
    अति सुन्दर एवं प्रेरक कहानी ‌। बराबर कर्म करते हुए सकारात्मक सोच रखें ।