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वैश्या एक प्रेम कहानी

4.4
270002

वैश्या का आंगन सबसे पवित्र होता है। और उसी आंगन की मिट्टी से उभरती है दुर्गा की प्रतिमा, मैं प्रभात  बुंदेलखंड में बेडिया जाती का हूं। जिस जाती से मस्तानी बाई थीं। प्रनामी समुदाय जो भगवान कृष्ण ...

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वैश्या... एक प्रेम कहानी
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Adeetya M. Jhainsi
4.6

सटेशन से सुजान के जाने के बाद अकेला ही चल पड़ा। में तकरीबन एक घंटा पैदल चल कर घर पहुंचा। घर का दरवाज़ा खटखटया तो मां की आवाज़ आई। " कोन है इतनी भोर भए" डोर खोला तो हैरानी और खुश हो। सूरा : प्रभात .. तू , तू क्यों आया किसी ने देखा तो नहीं। मना किया था ना गांव आने को।भीतर आ उसने इधर उधर देखा और भीतर से कड़ी लगा ली। सुरा : हे साईं सांवरे, फोन तो कर लेता अब में क्या करूं , किसी को पता चल गया तो , वो लोग तुझे जान से मार डालेंगे प्रभात : कोन लोग और मुझे क्यों मारेंगे मांताई । सुरा : बेटा कैसे बताऊं ...

लेखक के बारे में
author
Adeetya M. Jhainsi

नमस्कार दोस्तों मैं अदीत्य एम्. झाइंसी , पेशे से एक लेखक और फिल्म निर्दशक हूं। मेरी सभी कहानियां,कानूनी तौर पर रजिस्ट्रड है। इनका किसी भी तरह से इस्तेमाल कॉपीराइट एक्ट के तहत दंडनीय अपराध होगा धन्यवाद

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Satyanarayan Pareek
    03 अप्रैल 2022
    बेडिया जाति के बारे में रोचक जानकारी मिली। पुराने समय में छोटी जातियों पर कैसे कैसे अत्याचार किए जाते थे। एक बेड़िया जाति की मां व बेटे की बेबसी की रोचक कहानी है।
  • author
    mona ji
    19 जनवरी 2021
    क्या कहुँ शब्द कम पड़ गये, प्रेम का ऐसा रुप दिखाते है कि मुझे वाकई में प्रेम से प्रेम होने लगेगा, सुजान का प्रभात के लिये प्रेम, और प्रतिमा के लिये प्रेम एक उदाहरण पेश करता है कि प्रेम जिससे भी हम उसके लिये सब कुछ कर जाये चाहे वो फिर कैसा भी हो,कोई भी हो👌👌👌
  • author
    HITEN SINGH
    06 मई 2022
    प्रणामी समाज मोहम्मद साहब के अनुयाई नहीं हैं। अपनी जानकारी सही कीजिए। प्रणामी तो प्याज और लहसुन तक का सेवन नहीं करते हैं।
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    Satyanarayan Pareek
    03 अप्रैल 2022
    बेडिया जाति के बारे में रोचक जानकारी मिली। पुराने समय में छोटी जातियों पर कैसे कैसे अत्याचार किए जाते थे। एक बेड़िया जाति की मां व बेटे की बेबसी की रोचक कहानी है।
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    mona ji
    19 जनवरी 2021
    क्या कहुँ शब्द कम पड़ गये, प्रेम का ऐसा रुप दिखाते है कि मुझे वाकई में प्रेम से प्रेम होने लगेगा, सुजान का प्रभात के लिये प्रेम, और प्रतिमा के लिये प्रेम एक उदाहरण पेश करता है कि प्रेम जिससे भी हम उसके लिये सब कुछ कर जाये चाहे वो फिर कैसा भी हो,कोई भी हो👌👌👌
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    HITEN SINGH
    06 मई 2022
    प्रणामी समाज मोहम्मद साहब के अनुयाई नहीं हैं। अपनी जानकारी सही कीजिए। प्रणामी तो प्याज और लहसुन तक का सेवन नहीं करते हैं।