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उदासी......

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चेहरा कोई उदास नहीं होता,    लोग बस थक चुके होते हैं ,       खुद से लड़ते-लड़ते , जा बैठते हैं कहीं दूर,     जहां सिर्फ वो हों ,        और हों उनकी संवेदनाएं, जो ढूंढ रहे होते हैं सुकून, इस ...

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Shubhi
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मुझे लड़ना भी है तो तुमसे लड़ना है, रोने के लिए तुम्हारा कंधा चाहिए, खुशी भी तुमसे बांटना अच्छा लगता है, तुमको अपनी परेशानी बता देता हूं ठीक हो जाता हूं आधी परेशानी तुम्हारे होने से ठीक हो जाती है ...

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Shubhi

हर दर्द की दवा मुस्कराहट है। लोग चेहरे को पढ़ते है आप के अंदर क्या चल रहा है कोई नही जानता है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मोहन
    05 മെയ്‌ 2025
    क्योंकि बाद में भी अकेले ही तो बैठना है.. सुंदर रचना मेम 👌👌🙏
  • author
    Hiren Joshi
    05 മെയ്‌ 2025
    बिल्कुल सही लिखा दीदी, काफी गहराई है शब्दो और भावो की।
  • author
    Dr.Punam Sinha
    04 മെയ്‌ 2025
    बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां 👌👌👌👌
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    मोहन
    05 മെയ്‌ 2025
    क्योंकि बाद में भी अकेले ही तो बैठना है.. सुंदर रचना मेम 👌👌🙏
  • author
    Hiren Joshi
    05 മെയ്‌ 2025
    बिल्कुल सही लिखा दीदी, काफी गहराई है शब्दो और भावो की।
  • author
    Dr.Punam Sinha
    04 മെയ്‌ 2025
    बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां 👌👌👌👌