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तृतीय अध्याय : कर्मयोग :

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तृतीय अध्याय                          : कर्मयोग : ============================== अर्जुन-          "हे कृष्ण!आपकी बातों को सुनकर ऐसा प्रतीत हो रहा हैं कि ज्ञान कर्म से अधिक महत्वपूर्ण हैं परंतु आप मुझे सन्यासी बनने की जगह युध्द करने के लिये प्रेरित कर रहे हैं। आप मुझे यह बताइये कि मैं ज्ञानमार्ग पर चलकर सन्यासी बनूं या कर्ममार्ग पर चलकर युध्द करूं?" 🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼 श्री कृष्ण-            "हे पार्थ! इस संसार में मैंने दो योग बनाए हैं प्रथम ज्ञान योग तथा द्वितीय कर्मयोग। तुम मनुष्य ...

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4.9
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लेखक के बारे में

मेरी शायरी का,  हर शब्द महक जाता है,,,,,: जब #तेरा_खयाल दिल से, कागज पर उतर आता है।

समीक्षा
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  • author
    16 जुलाई 2021
    गीता के तृतीय अध्याय का जीवन में महत्व.. अद्भुत. हमारी अमूल्य धरोहर को प्रकाशित करने के लिए साधुवाद.
  • author
    16 जुलाई 2021
    बहुत सुंदर रचना आपकी 🌹🌹💐💐🙏🙏🙏
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    16 जुलाई 2021
    interesting knowledge g
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    16 जुलाई 2021
    गीता के तृतीय अध्याय का जीवन में महत्व.. अद्भुत. हमारी अमूल्य धरोहर को प्रकाशित करने के लिए साधुवाद.
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    16 जुलाई 2021
    बहुत सुंदर रचना आपकी 🌹🌹💐💐🙏🙏🙏
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    16 जुलाई 2021
    interesting knowledge g