" मेम अब बस भी कीजिये , और कितना माल फूकोगी , पिछले एक घंटे में आपने पूरी पुड़िया अपने अंदर लेली है " पूर्वी ने बैडरूम की विंडो ओपन की और अंकिता सक्सेना के हाथ से सिगरेट लेकर दो कस में ही उसे ...
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The Dirty Game - ( Episode - 02 )
Rahul Yadav
4.9
रात के नौ बज रहे थे !! बाहर का मौसम बहुत ही ज्यादा खराब हो चुका था आसमान में काले घने बादल गरज रहे थे, बीच-बीच में आसमानी बिजली भी कड़कते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही थी , तेज हवाएं आंधी में लगभग तब्दील होती जा रही थी , एरिया के पुलिस स्टेशन में सन्नाटा पसरा हुआ था । तभी एक गरीब परिवार के के पांच लोग तीन बच्चे , दो बहने और उनका छोटा अपने माता पिता के साथ रोते बिलखते पुलिस स्टेशन में प्रवेश करते है !! पहले तो हेडकांस्टेब राजबीर रस्तोगी के अत्याचारों और तमाम ऊजबुलूल बातों का सामना करने के बाद वे ...
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बहुत ही खूबसूरत इंटरेस्टिंग और नायाब इंट्रो आपकी स्टोरी का।
राहुल में क्या ?
बोलूं समीक्षा में दिल खुश कर दिया तुमने ।
एकदम नई ,हटकर यूनिक स्टोरी स्टार्ट की है। ऐसा लग रहा है कि सारे पार्ट एक ही बार में पढ़ डालूं।
कहानी के फर्स्ट पार्ट में तुमने इतनी उत्सुकता क्रिएट कर दी है कि लग रहा है इस उत्सुकता को शांत करने के लिए हमें सारे पार्ट रीड करने होंगे।
पर मैंने अंकिता मैडम का नाम बदलने के लिए बोला था वह तुमने वही रख दिया तो थोड़ा सेड फील हुआ कि तुम मेरी बात नहीं मानते हो। पर मैं भी तो तुम्हारी बात नहीं मानती हूं,,, इसलिए अगले ही पल लगा कि अपनी कहानी के तुम ऑनर हो,, वैसे भी नाम और पोस्टर से कुछ नहीं होता ना ही स्टोरी चलती यह बात मैंने सिर्फ तुमसे सीखी है।
अगर स्टोरी में दम है तो स्टोरी किसी कोने पर भी रहे पढ़ी जाएगी और चलेगी भी।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
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बहुत ही खूबसूरत इंटरेस्टिंग और नायाब इंट्रो आपकी स्टोरी का।
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कहानी के फर्स्ट पार्ट में तुमने इतनी उत्सुकता क्रिएट कर दी है कि लग रहा है इस उत्सुकता को शांत करने के लिए हमें सारे पार्ट रीड करने होंगे।
पर मैंने अंकिता मैडम का नाम बदलने के लिए बोला था वह तुमने वही रख दिया तो थोड़ा सेड फील हुआ कि तुम मेरी बात नहीं मानते हो। पर मैं भी तो तुम्हारी बात नहीं मानती हूं,,, इसलिए अगले ही पल लगा कि अपनी कहानी के तुम ऑनर हो,, वैसे भी नाम और पोस्टर से कुछ नहीं होता ना ही स्टोरी चलती यह बात मैंने सिर्फ तुमसे सीखी है।
अगर स्टोरी में दम है तो स्टोरी किसी कोने पर भी रहे पढ़ी जाएगी और चलेगी भी।
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