जिन्दगी की सार्थकता की तलाश, भावनाओं में जीता हुआ कविता, गजल और साहित्य का प्रेमी तथा दर्शन का छात्र । जिन्दगी हरपल नया रंग दिखाती है और हम उसके प्रवाह में टूटते,बिखरते, बनते बहते जातें है। बहुत ...
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मन के प्रश्न
डॉ. देशराज सिरसवाल "Niyamak"
मानव का कर्तव्य क्या है? हमारी आवश्यकता क्या है? सुख-दुख क्या है? भावनाएं क्या होती हैं, क्यों होती हैं? प्रेम क्या है? हमारा उद्देश्य क्या है? विश्वास की क्या आवश्यकता है? जीवन की सार्थकता क्या है? ...
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जिन्दगी की सार्थकता की तलाश, भावनाओं में जीता हुआ कविता, गजल और साहित्य का प्रेमी तथा दर्शन का छात्र । जिन्दगी हरपल नया रंग दिखाती है और हम उसके प्रवाह में टूटते,बिखरते, बनते बहते जातें है। बहुत कुछ मिलता है बहुत कुछ खो जाता है लेकिन हर पल यही ख्वाहिश होती है कि कुछ और नया हो। इसी से जिन्दगी की मिठास बनी रहती है।
सारांश
जिन्दगी की सार्थकता की तलाश, भावनाओं में जीता हुआ कविता, गजल और साहित्य का प्रेमी तथा दर्शन का छात्र । जिन्दगी हरपल नया रंग दिखाती है और हम उसके प्रवाह में टूटते,बिखरते, बनते बहते जातें है। बहुत कुछ मिलता है बहुत कुछ खो जाता है लेकिन हर पल यही ख्वाहिश होती है कि कुछ और नया हो। इसी से जिन्दगी की मिठास बनी रहती है।
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