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षष्टम दिवस आरती

4.0
29

जय जय कात्यायनी दुर्गा जय जय हो कात्यायनी दुर्गा, हर ज्ञान मिटा दो मन का। स्वर्णिम देह सत्य मय उर्जा ,भद्रकाली चंडी मां दुर्गा । कर अविवेक विनष्ट हमारा, भक्ति मय जीवन हो सारा।1। जय जय ...

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सप्तम दिवस आरती
सप्तम दिवस आरती
राजीव लोचन त्रिवेदी "वारिधि-गतोहम्"
4.2
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लेखक के बारे में

छोटी मोटी कविताए ,नहीं बनाती सूर। तथाकथित यह गर्व से, कर देती हैं चूर। "वारिधि गतोहम्"

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    शानदार और जानदार प्रस्तुति शानदार लेखन शैली और उत्कृष्ट रचना लिखी है। जय मां दुर्गा दशप्रहरणधारिणी नमोस्तुते
  • author
    Shobha Singh
    22 अक्टूबर 2020
    बहुत सुंदर। मां कात्यायनी देवी की अति सुंदर आरती की रचना आपने की है बहुत खूब।
  • author
    Sunanda Aswal
    22 अक्टूबर 2020
    जय मां दुर्गे....जय कात्यानी मां...💐💐 शुभकामनाएं.. सुंदर भाव विभोर लेखन
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    शानदार और जानदार प्रस्तुति शानदार लेखन शैली और उत्कृष्ट रचना लिखी है। जय मां दुर्गा दशप्रहरणधारिणी नमोस्तुते
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    Shobha Singh
    22 अक्टूबर 2020
    बहुत सुंदर। मां कात्यायनी देवी की अति सुंदर आरती की रचना आपने की है बहुत खूब।
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    Sunanda Aswal
    22 अक्टूबर 2020
    जय मां दुर्गे....जय कात्यानी मां...💐💐 शुभकामनाएं.. सुंदर भाव विभोर लेखन