रीत ने पर्स को मोड़ कर ज्यों का त्यों रख दिया।अनायास ही उस का हाथ सूटकेस की पौकेट में चला गया। इस पौकेट में राघव द्वारा लाई लहठी (एक प्रकार की चूड़ी) रखी थीं जो कुछ दिनों पहले वह रीत के लिए लाया था। लेकिन अब वह इन लहठियों का क्या करेगी? किस के लिए पहनेगी अब? कौन देखने वाला है इन्हें? किसके लिए इन्हें पहनकर सजेगी। जो चाव से ले कर आया था अब वही नहीं रहा।ये सब चीजें तो सुहागनों के लिए होती हैं न, वह तो अब सुहागन भी नहीं रही। उसे याद आने लगा था कि कैसे कभी कभी राघव अपना प्यार जताने के लिए उसे ...
रिपोर्ट की समस्या
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