रांझणा - भाग 2 सारिका गाड़ी में बैठी उदास आँखों से पीछे छूटते समंदर को देखती रही l पानी की लहरों के साथ ही उसका मन भी यहाँ से वहा भटकता रहा l 14 सालो से सारिका एक ऐसे अहसास में बंधी हुई थी जिसे ना वह जानती थी न ही उसे दोबारा देखा था बस आखरी बार देखा हुआ वो मुस्कुराता चेहरा याद था l अब तक तो सारिका उसका नाम तक भूल चुकी थी पर उस अहसास को कुछ तो नाम देना ही था उसे इसलिए उसने उस सख्स का नाम "रांझणा" रखा l अब तक ना जाने कितनी ही गजले और नज्मे उसने उस अनजाने अहसास के साथ लिखी थी अपनी डायरी में l वो ...
रिपोर्ट की समस्या
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