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रांझणा - भाग 2

4.8
56275

रांझणा - भाग 2 सारिका गाड़ी में बैठी उदास आँखों से पीछे छूटते समंदर को देखती रही l पानी की लहरों के साथ ही उसका मन भी यहाँ से वहा भटकता रहा l 14 सालो से सारिका एक ऐसे अहसास में बंधी हुई थी जिसे ना वह ...

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रांझणा - भाग 3
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संजना किरोड़ीवाल
4.8

रांझणा - भाग 3 दो अलग अलग शहरो में , मिलो दूर , रात के तीसरे पहर में , दो दिलो में एक जैसा ही अहसास था l उन दो जोड़ी आँखों में कुछ था तो सिर्फ इंतजार l ये इन्तजार अगर इधर था तो शहर से मिलो दूर उस ...

लेखक के बारे में

मैं कोई Writer नही बल्कि एक चोर हूं , जो लोगो का समय चुराती है !! प्रतिलिपी पाठक × साक़ी के सारथी ✓

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mohit singh bhadoriya "Vasudev"
    05 जून 2019
    👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍇👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🥀🥀🥀🥀🥀🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌺🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌿🌷🌿,,🌿🌹🌿,,🌿🌼🌿,,🥀🌼🥀,,🌿🌹🌼🌹🌿,,बहुत उम्दा लिखा है,,, गजल के तो क्या कहने, सीधे दिल को चीरते हुए मेरी आत्मा को मुझसे छीन ले गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दिल नाराज सा है, कुछ ख़फ़ा सा लगता है!!मेरे जेहन में तेरी यादों का मीठा कोई कांटा सा चुभता है!!तू आवारगी में, तू मन्नत में, तू मेरी साँसों में पैबस्त रहा है कुछ इस तरह,,जैसे धागे में मोती, रात में पेड़ो पे जुगनू , जैसे सावन में भीगी मिट्टी की सौंधी खुशबू,,, सुबह सुबह बागों में कोयल का गायन, रिमझिम में मोर नृत्य मनभावन!!वादियों से भीगे हुए फूलों की महक का आना,,ऐसे में चकोर का चकोरी से नैन लड़ावन!!!!!!!!!🌹राधेकृष्ण🌹
  • author
    Chetna T "चेतना"
    05 जून 2019
    oooooho इश्क की आग दोनों तरफ लगी है।ये लड़का वही है शिवा उसे भी शायद इंतजार है अपनी मोहब्बत का।😍😍😍😚😚😚😚😍🌟⭐🌟⭐🌟⭐🌟😚😚😚😍😍😍😍😚😚😙😘😙😘😙😘😙😘😘😘👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏🙏🙏हमें भी आपकी कहानियों से प्रेम हो गया है
  • author
    अंकित दास
    13 फ़रवरी 2022
    सारीका का एज ए बॉस इतना सहज भाव जिससे एम्प्लोयेस डांट खाने के बाद भी तारीफ करे ये परिपक्वता और काबिलियत को बख़ूबी दर्शाता है और उस इश्क़ को भी.... बट इन रियलिटी इस तरह का एम्प्लोयेस और बॉस का रिश्ता काफी रेअरली होता है बल्की उल्टा एम्प्लोयेस बॉस के चुगली करते नहीं थकते और बॉस एम्प्लोयेस को खरी - खोटी सुनाने से नहीं चूकते ..., और हाय ये इश्क़ का एहसास...!,खेर इसके बारे में बोलने के लिये तो आगे भी बहुत मौके हैं तो इस भाग में इतना ही...। गजल और शायरी की तो क्या ही तारीफ करें कोई निपट मूर्ख ही होगा जो इसे नापसंद करे....
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    Mohit singh bhadoriya "Vasudev"
    05 जून 2019
    👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍉🍇🍇👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🥀🥀🥀🥀🥀🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌺🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌿🌷🌿,,🌿🌹🌿,,🌿🌼🌿,,🥀🌼🥀,,🌿🌹🌼🌹🌿,,बहुत उम्दा लिखा है,,, गजल के तो क्या कहने, सीधे दिल को चीरते हुए मेरी आत्मा को मुझसे छीन ले गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दिल नाराज सा है, कुछ ख़फ़ा सा लगता है!!मेरे जेहन में तेरी यादों का मीठा कोई कांटा सा चुभता है!!तू आवारगी में, तू मन्नत में, तू मेरी साँसों में पैबस्त रहा है कुछ इस तरह,,जैसे धागे में मोती, रात में पेड़ो पे जुगनू , जैसे सावन में भीगी मिट्टी की सौंधी खुशबू,,, सुबह सुबह बागों में कोयल का गायन, रिमझिम में मोर नृत्य मनभावन!!वादियों से भीगे हुए फूलों की महक का आना,,ऐसे में चकोर का चकोरी से नैन लड़ावन!!!!!!!!!🌹राधेकृष्ण🌹
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    Chetna T "चेतना"
    05 जून 2019
    oooooho इश्क की आग दोनों तरफ लगी है।ये लड़का वही है शिवा उसे भी शायद इंतजार है अपनी मोहब्बत का।😍😍😍😚😚😚😚😍🌟⭐🌟⭐🌟⭐🌟😚😚😚😍😍😍😍😚😚😙😘😙😘😙😘😙😘😘😘👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏🙏🙏हमें भी आपकी कहानियों से प्रेम हो गया है
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    अंकित दास
    13 फ़रवरी 2022
    सारीका का एज ए बॉस इतना सहज भाव जिससे एम्प्लोयेस डांट खाने के बाद भी तारीफ करे ये परिपक्वता और काबिलियत को बख़ूबी दर्शाता है और उस इश्क़ को भी.... बट इन रियलिटी इस तरह का एम्प्लोयेस और बॉस का रिश्ता काफी रेअरली होता है बल्की उल्टा एम्प्लोयेस बॉस के चुगली करते नहीं थकते और बॉस एम्प्लोयेस को खरी - खोटी सुनाने से नहीं चूकते ..., और हाय ये इश्क़ का एहसास...!,खेर इसके बारे में बोलने के लिये तो आगे भी बहुत मौके हैं तो इस भाग में इतना ही...। गजल और शायरी की तो क्या ही तारीफ करें कोई निपट मूर्ख ही होगा जो इसे नापसंद करे....