रचना ईश्वर ने की हवाओ की , वृक्षो की, नदीयो की, पहाड़ो की, झीलो की, लताओ की, फूलो की, खुश्बू की, भँवरो की, कलीयो की , तितलीयो की, इंसानो की, और सभी से मिलकर हुई रचना ...
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बचपन की हर फिक्र थी धुआँ
Rachana verma "रचना 🌟"
4.9
वह बचपन था जो लौट कर आया चिलचिलाती धूप और पीपल की छाया । माँ का आँचल , बड़ो का साया । क्यु बचपन तु लौटकर ना आया? बारिश का पानी और कागज की नाव । गंगा के ...
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पलकों से सुनती हूं , शब्दों में बुनती हूं
मैं खुद ही शामिल हूं खुद की हर कहानी में।
मेरे संग शब्दों के समंदर में गोते लगाओ,
देखो क्या क्या छिपा रखा है भागती-दौड़ती जिंदगानी ने ।।
-- Rachana Verma
Bd # 28th October
Love to singing 🎤🎵🎶
Insta - Rachana_ts
सारांश
पलकों से सुनती हूं , शब्दों में बुनती हूं
मैं खुद ही शामिल हूं खुद की हर कहानी में।
मेरे संग शब्दों के समंदर में गोते लगाओ,
देखो क्या क्या छिपा रखा है भागती-दौड़ती जिंदगानी ने ।।
-- Rachana Verma
Bd # 28th October
Love to singing 🎤🎵🎶
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