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रचना

4.7
277

रचना ईश्वर ने की हवाओ की ,      वृक्षो की, नदीयो की, पहाड़ो की, झीलो की, लताओ की, फूलो की, खुश्बू की, भँवरो की,      कलीयो की , तितलीयो की,  इंसानो की, और  सभी से मिलकर हुई रचना ...

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बचपन की हर फिक्र थी धुआँ
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें बचपन की हर फिक्र थी धुआँ
Rachana verma "रचना 🌟"
4.9

वह बचपन था जो लौट कर आया        चिलचिलाती धूप और पीपल की छाया ।        माँ का आँचल , बड़ो का साया । क्यु बचपन तु लौटकर ना आया?                बारिश का पानी और कागज की नाव ।        गंगा के ...

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लेखक के बारे में
author
Rachana verma

पलकों से सुनती हूं , शब्दों में बुनती हूं मैं खुद ही शामिल हूं खुद की हर कहानी में। मेरे संग शब्दों के समंदर में गोते लगाओ, देखो क्या क्या छिपा रखा है भागती-दौड़ती जिंदगानी ने ।। -- Rachana Verma Bd # 28th October Love to singing 🎤🎵🎶 Insta - Rachana_ts

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    विपिन जोशी "VJ"
    28 ऑगस्ट 2020
    क्या बात !क्या बात !क्या बात !!👌👌 आपकी डेस्टिनी बयां करती श्लेष अलंकारमयी रचना अच्छी लगी
  • author
    25 जुन 2020
    यमक अलंकार की सुखद अनुभूति.... शुभकामनाएं
  • author
    Hement Kumar
    24 जुलै 2020
    good ji
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    विपिन जोशी "VJ"
    28 ऑगस्ट 2020
    क्या बात !क्या बात !क्या बात !!👌👌 आपकी डेस्टिनी बयां करती श्लेष अलंकारमयी रचना अच्छी लगी
  • author
    25 जुन 2020
    यमक अलंकार की सुखद अनुभूति.... शुभकामनाएं
  • author
    Hement Kumar
    24 जुलै 2020
    good ji