pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

प्रायश्चित-प्रायश्चित

4.7
23160

दफ्तर में जरा देर से आना अफसरों की शान है। जितना ही बड़ा अधिकारी होता है, उत्तरी ही देर में आता है; और उतने ही सबेरे जाता भी है। चपरासी की हाजिरी चौबीसों घंटे की। वह छुट्टी पर भी नहीं जा सकता। अपना ...

अभी पढ़ें
प्रायश्चित-2
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें प्रायश्चित-2
मुंशी प्रेमचंद
4.6

इसके एक सप्ताह बाद सुबोधचन्द्र गाड़ी से उतरे, तब स्टेशन पर दफ्तर के सब कर्मचारियों को हाजिर पाया। सब उनका स्वागत करने आये थे। मदारीलाल को देखते ही सुबोध लपक कर उनके गले से लिपट गये और बोले-तुम खूब ...

लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    NehVish Gupta
    08 ସେପ୍ଟେମ୍ବର 2017
    बहुत सुंदर
  • author
    Mamta Upadhyay
    17 ମାର୍ଚ୍ଚ 2020
    बहुत ही खूबसूरत रचना मुंशी जी की👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐
  • author
    Sunit Sharma
    22 ନଭେମ୍ବର 2018
    दिल को छू लेने वाली कहानी है। लाजवाब
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    NehVish Gupta
    08 ସେପ୍ଟେମ୍ବର 2017
    बहुत सुंदर
  • author
    Mamta Upadhyay
    17 ମାର୍ଚ୍ଚ 2020
    बहुत ही खूबसूरत रचना मुंशी जी की👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐
  • author
    Sunit Sharma
    22 ନଭେମ୍ବର 2018
    दिल को छू लेने वाली कहानी है। लाजवाब