संभोग करते क्षण में श्वास जितनी शांत और शिथिल होगी, संभोग का काल उतना ही लंबा हो जाएगा। अगर श्वास को बिलकुल शिथिल रहने का थोड़ा सा अभ्यास किया जाए, तो संभोग के क्षणों को कितना ही लंबा किया जा ...
आप केवल प्रतिलिपि ऐप पर कहानियाँ डाउनलोड कर सकते हैं
एप्लिकेशन इंस्टॉल करें
अपने दोस्तों के साथ साझा करें:
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें
प्रेम क्या है ?
गौरव शाका खुशालगढ़
4.6
जीना और जानना तो आसान है, लेकिन कहना बहुत कठिन है। जैसे मछली से पूछो कि सागर क्या है, तो मछली कह सकती है, यह है सागर,यह रहा चारो तरफ, वही है। लेकिन कोई पूछे क्या है। बताओ मत, तो बहुत कठिन हो जाएगा मछली को। आदमी के जीवन में भी जो श्रेष्ठ है, सुंदर है, उसे जीया जा सकता है, जाना जा सकता है, हुआ जा सकता है। लेकिन कहना बहुत मुश्किल है। और दुर्घटना और दुर्भाग्य यह है कि जिसमें जिया जाना चाहिए, जिसमें हुआ जाना चाहिए, उसके संबंध में मनुष्य जाति पांच छः हजार बर्ष से केवल बातें कर रही है। प्रेम की बात चल ...
आप केवल प्रतिलिपि ऐप पर कहानियाँ डाउनलोड कर सकते हैं
ना सम्मान का मोह, ना अपमान का भय।(आध्यात्मिक) ओशो..
"यथार्थवादी"
"जिज्ञासु"
"ख़ानाबदोश"
"पथिक"
मेरी अधूरी किताबें-
यूपी-83 Love and violence
परिपक्वता
आख़िर! मैं कब तक मरूं (द डार्क ट्रुथ)
प्रेम और समर्पण
मेरी दादी
संघर्ष
वो लम्हें वो यादें
21 वी सदी का गाँव और शहर
सारांश
ना सम्मान का मोह, ना अपमान का भय।(आध्यात्मिक) ओशो..
"यथार्थवादी"
"जिज्ञासु"
"ख़ानाबदोश"
"पथिक"
मेरी अधूरी किताबें-
यूपी-83 Love and violence
परिपक्वता
आख़िर! मैं कब तक मरूं (द डार्क ट्रुथ)
प्रेम और समर्पण
मेरी दादी
संघर्ष
वो लम्हें वो यादें
21 वी सदी का गाँव और शहर
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या