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ओशो की कृतियों से सम्भोग से समाधि की ओर

4.6
459

संभोग करते क्षण में  श्वास जितनी शांत और शिथिल होगी, संभोग का काल उतना ही लंबा हो जाएगा। अगर श्वास को बिलकुल शिथिल रहने का थोड़ा सा अभ्यास किया जाए, तो संभोग के क्षणों को कितना ही लंबा किया जा ...

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प्रेम क्या है ?
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गौरव शाका खुशालगढ़
4.6

जीना और जानना तो आसान है, लेकिन कहना बहुत कठिन है। जैसे मछली से पूछो कि सागर क्या है, तो मछली कह सकती है, यह है सागर,यह रहा चारो तरफ, वही है। लेकिन कोई पूछे क्या है। बताओ मत, तो बहुत कठिन हो जाएगा मछली को। आदमी के जीवन में भी जो श्रेष्ठ है, सुंदर है, उसे जीया जा सकता है, जाना जा सकता है, हुआ जा सकता है। लेकिन कहना बहुत मुश्किल है। और दुर्घटना और दुर्भाग्य यह है कि जिसमें जिया जाना चाहिए, जिसमें हुआ जाना चाहिए, उसके संबंध में मनुष्य जाति पांच छः हजार बर्ष से केवल बातें कर रही है। प्रेम की बात चल ...

लेखक के बारे में

ना सम्मान का मोह, ना अपमान का भय।(आध्यात्मिक) ओशो.. "यथार्थवादी" "जिज्ञासु" "ख़ानाबदोश" "पथिक" मेरी अधूरी किताबें- यूपी-83 Love and violence परिपक्वता आख़िर! मैं कब तक मरूं (द डार्क ट्रुथ) प्रेम और समर्पण मेरी दादी संघर्ष वो लम्हें वो यादें 21 वी सदी का गाँव और शहर

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    27 जनवरी 2022
    सुंदर विचार एवं सटीक व्याख्या 👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽 आपके विचार अनुकरणीय हैं मित्र 🙏🏽 और हाँ 100% follow बैक की गारंटी है मेरी 🙋🏽‍♂️ जय 🇮🇳
  • author
    navneeta chourasia
    29 जून 2023
    ओशो के विचारों की सुंदर प्रस्तुति 🙏🙏💐💐
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    27 जनवरी 2022
    सुंदर विचार एवं सटीक व्याख्या 👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽 आपके विचार अनुकरणीय हैं मित्र 🙏🏽 और हाँ 100% follow बैक की गारंटी है मेरी 🙋🏽‍♂️ जय 🇮🇳
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    navneeta chourasia
    29 जून 2023
    ओशो के विचारों की सुंदर प्रस्तुति 🙏🙏💐💐