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मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना l

4.6
331

ऑफिस जाने का समय हो चुका था l साहिल को आज जिम से लौटने मे देर हो गई थी l नाश्ता भी तैयार था लेकिन इतनी जल्दी मे था कि उसने चलते चलते खाने की मेज से दो टोस्ट उठाकर खाने शुरू कर दिए और बाहर अपनी ...

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मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना l
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Anita Singh "❤️"
5

शहर का माहौल बिगड़ता जा रहा था l डर था कि नफरत की ये आग पूरे देश में ना फैल जाए l शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई l प्रशासन सतर्क था l साहिल थोड़ी थोड़ी देर में सारे समाचार चैनलों को बारी ...

लेखक के बारे में
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Anita Singh

जिंदगी शब्दों का खेल है, अर्थ हमारी मुट्ठी मे हैं l🌹❤️

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Bhavik Jay "Jay raj"
    22 अक्टूबर 2021
    बहुत खूब
  • author
    shashi Capoor
    23 अक्टूबर 2021
    अति सुन्दर कहानी का आरंभ और अंत पाठक को बांधने में सक्षम 👍
  • author
    Ram Binod Kumar "दिव्य"
    03 दिसम्बर 2021
    सुंदर कहानी, बधाई हो !
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Bhavik Jay "Jay raj"
    22 अक्टूबर 2021
    बहुत खूब
  • author
    shashi Capoor
    23 अक्टूबर 2021
    अति सुन्दर कहानी का आरंभ और अंत पाठक को बांधने में सक्षम 👍
  • author
    Ram Binod Kumar "दिव्य"
    03 दिसम्बर 2021
    सुंदर कहानी, बधाई हो !