आसमान पर चांदी की थाली जैसा गोल चांद चमक रहा था। उसकी चांदनी में नहा कर हर एक चीज़ रुपहली आभा से चमक रही थी। इसी चांदनी में किसी मोती की तरह वह भवन भी खूबसूरत लग रहा था जिसके बाहर एक पट्टी पर लिखा था ...
नमस्ते
अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।
सारांश
नमस्ते
अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।
रिपोर्ट की समस्या
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