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मैं, तुम और चाय

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मैं चाय नहीं पीता था तुम्हें पीते हुए देखा तो लत लग गई चाय की/तुम्हारी अचानक तुम कब काॅफ़ी पीने लगी पता ही नहीं चला और मैं आज भी चाय के लिए तरसता रहता हूँ तुम बनाती थी तो मैं पीता तुम्हें मालूम था न ...

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कविता : सुकून की तलाश
कविता : सुकून की तलाश
नीरज आहुजा
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लेखक के बारे में
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नीरज आहुजा

मेरी पहचान, मैं कोई शायर, लेखक या कवि नहीं हूँ। लिखना पसंद है बस इसलिये काव्य की विभिन्न विधाओं पर जैसे - शायरी, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद, दोहा आदी के माध्यम से अपनी रचनात्मकता दर्शाने का प्रयास करता हूँ। कभी कोई बात दिल में दबी होती है जो साधारण शब्दों में नहीं कही जा सकती तो उसे कविता, छंद और शायरी में कहना आसान हो जाता है। तो बस इसी तरह दिल की तह को खोलने का माध्यम है ब्लाग। लिखूँ भाव मन के अपने, दर्द नहीं जब सह पाऊँ। छंद ग़ज़ल मुक्तक दोहा, जिसमें भी हो कह पाऊँ। आप मेरी रचनाएँ https://neerajkavitavali.blogspot.com पर भी पढ़ सकते हैं। धन्यवाद🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    19 अप्रैल 2022
    वाहहहह... ....लेकिन प्यार बहुत था उससे एक दिन मैंने काफी बनाई, उसको पिलाई, वो बहुत ही खुश हुई, अगले दिन मैंने फिर से वही किया बार बार किया रोजाना किया मेरे प्यार ने फिर से उसको चाय की याद दिला दी और एक दिन वो चाय बना कर मेरी आँखों में सपने बुन गयी आज भी वो चाय में चुटकी भर काफी मिलाती है।
  • author
    मधु सिंह
    19 अप्रैल 2022
    बहुत सुंदर व कॉफ़ी पीने लग गयी और आप चाय पी अटक गए। चाय बनाना बड़ी बात नही सिख लीजिए
  • author
    🌸🌸ਰੀਤ ਵਰਮਾ🌸🌸
    19 अप्रैल 2022
    🤗🤗🤗
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    19 अप्रैल 2022
    वाहहहह... ....लेकिन प्यार बहुत था उससे एक दिन मैंने काफी बनाई, उसको पिलाई, वो बहुत ही खुश हुई, अगले दिन मैंने फिर से वही किया बार बार किया रोजाना किया मेरे प्यार ने फिर से उसको चाय की याद दिला दी और एक दिन वो चाय बना कर मेरी आँखों में सपने बुन गयी आज भी वो चाय में चुटकी भर काफी मिलाती है।
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    मधु सिंह
    19 अप्रैल 2022
    बहुत सुंदर व कॉफ़ी पीने लग गयी और आप चाय पी अटक गए। चाय बनाना बड़ी बात नही सिख लीजिए
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    🌸🌸ਰੀਤ ਵਰਮਾ🌸🌸
    19 अप्रैल 2022
    🤗🤗🤗