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किस्सा चंद्रहास

4.1
3004

किसी अनूपगढ़ नामक शहर में मेधावी नाम का राजा राज करता था । राजा रानी दोनों प्रजापालक और धर्मपरायण थे । प्रजा सुखी समृद्ध थी । सब ठीक चल रहा था परंतु दुर्दैव से राजा संतानहीन था । राजा ने कुल गुरु ...

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किस्सा चंद्रहास (भाग 2)
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हरि ओम शर्मा
4.4

गतांक में आपने पढा़ कि दासी चंपा बालक चंद्रहास सहित छद्म पहचान से राजा दीवान के महलों में आश्रय पा कर रहने लगी ।  बालक चंद्रहास को वह राजपूत्रों युक्त शिक्षा संस्कार देती थी । बालक चंद्र कलाओं की ...

लेखक के बारे में
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हरि ओम शर्मा

रिटायर्ड बैंकर हास्य, और चिंतन

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Priya Pandey 🌱
    06 अगस्त 2020
    पौराणिक कथाओं को आपने बहुत ही खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है ‌
  • author
    अंजलि
    31 जुलाई 2020
    बहुत बढ़िया लोककथा आदरणीय सर जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका सादर प्रणाम🙏🙏
  • author
    sudhakar pandey
    30 अगस्त 2021
    कथा बताई जा रही है इसलिए यह कथाकार की ही प्रस्तुति कही जायेगी ! सराहनीय !
  • author
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    Priya Pandey 🌱
    06 अगस्त 2020
    पौराणिक कथाओं को आपने बहुत ही खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है ‌
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    अंजलि
    31 जुलाई 2020
    बहुत बढ़िया लोककथा आदरणीय सर जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका सादर प्रणाम🙏🙏
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    sudhakar pandey
    30 अगस्त 2021
    कथा बताई जा रही है इसलिए यह कथाकार की ही प्रस्तुति कही जायेगी ! सराहनीय !