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खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी

4.9
466

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी ( कहानी कविताओं में सभी की रुचि होती है पर इतिहास में ---?   यह इतिहास सिर्फ इसलिए यहाँ ले कर आई हूँ कि शायद कुछ लोगों को इसमे रुचि हो । शायद कोई इसे ...

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खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी
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मधुलिका साहू "Madhulika"
5

भाग  ( 2 )        महारानी लक्ष्मीबाई " छबीली , मणिकर्णिका , मनु अनछुये पहलुओं पर दृष्टि ...... 1 रानी के ख़ास वफादार ,सेनापति एवम मुख्य तोपची .. गौसखां 2 विरसामुन्डा , वसुदेव बलदेव , फड़के 3 ...

लेखक के बारे में
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मधुलिका साहू

बस भावों को कलमबद्ध कर मन शांत हो जाता है

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Asha Jha "सखी"
    06 जून 2020
    इतिहास से पुनः परिचय करवाती खूबसूरत रचना है। एक बात जो कटु सत्य है, चाँद मियां के बारे में जो कुछ आपने बताया उसे कोई नहीं मानेगा। कितनी बड़ी विडंबना है कि ऐसे देशद्रोही ,गद्दार को लोग पूज रहे हैं मंदिर बना कर। भगवान के साथ पूजा घर में स्थान देते हैं।
  • author
    वर्षा
    07 मार्च 2024
    सबसे पहले तो आप बधाई के पात्र हैं कि आपने कोशिश और हिम्मत दोनों की झांसी की रानी के बारे में लिखने की और इतना विस्तृत विवरण दिया जो कि हम लोगों को आज तक नहीं मिला। बनी बनाई कहानी है वही पढ़ने को मिली लेकिन आपने सच के जो छिपे हुए पहलू उजागर किया उसके लिए आपको जितना भी धन्यवाद दिया जाए कम है। झांसी की रानी के विषय में लिखने में आपने बहुत मेहनत की है इतनी सारी जानकारियां और उनके पारिवारिक विवरण जो अभी तक का है वह आपने दिया है। जो लोग हमारे देश के स्वतंत्रता सैनिकों की मुखबिरी के गद्दार रहे लोग उन्हीं की पूजा करते हैं आज। पर जिन्होंने स्वतंत्रता के हवन कुंड में अपनी आहुतियां दे दी , वास्तव में पूजा उन्हीं की होती है और उन्हीं की होनी भी चाहिए। प्रशंसनीय 🎇🎇🎇🎇🎇🎇🎇🎇🎇 आप हमेशा यूं ही लिखती रहें और यूं ही इतिहास की नई-नई जानकारी से हम सबको अवगत कराती रहें।
  • author
    उमेश पंडित
    15 मार्च 2024
    चांद मियां की गद्दारी सच में हृदय विदिर्ण करने वाली और मन में उसके प्रति और ज्यादा नफरत पैदा करने वाली है। लेकिन जो सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने गद्दार सिंधिया की गद्दारी के विषय में लिखा है उस पर आपने कोई टिप्पणी क्यों नहीं की ? आज भी उस नीच गद्दार के वंशज सत्ता का पूर्ण सुख भोग रहे हैं वहीं इसके विपरित रानी के वंशजों का भारतीय राजनीति में कोई स्थान नहीं है। इस बात का बहुत और बहुत ही ज्यादा दुःख होता है।
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    Asha Jha "सखी"
    06 जून 2020
    इतिहास से पुनः परिचय करवाती खूबसूरत रचना है। एक बात जो कटु सत्य है, चाँद मियां के बारे में जो कुछ आपने बताया उसे कोई नहीं मानेगा। कितनी बड़ी विडंबना है कि ऐसे देशद्रोही ,गद्दार को लोग पूज रहे हैं मंदिर बना कर। भगवान के साथ पूजा घर में स्थान देते हैं।
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    वर्षा
    07 मार्च 2024
    सबसे पहले तो आप बधाई के पात्र हैं कि आपने कोशिश और हिम्मत दोनों की झांसी की रानी के बारे में लिखने की और इतना विस्तृत विवरण दिया जो कि हम लोगों को आज तक नहीं मिला। बनी बनाई कहानी है वही पढ़ने को मिली लेकिन आपने सच के जो छिपे हुए पहलू उजागर किया उसके लिए आपको जितना भी धन्यवाद दिया जाए कम है। झांसी की रानी के विषय में लिखने में आपने बहुत मेहनत की है इतनी सारी जानकारियां और उनके पारिवारिक विवरण जो अभी तक का है वह आपने दिया है। जो लोग हमारे देश के स्वतंत्रता सैनिकों की मुखबिरी के गद्दार रहे लोग उन्हीं की पूजा करते हैं आज। पर जिन्होंने स्वतंत्रता के हवन कुंड में अपनी आहुतियां दे दी , वास्तव में पूजा उन्हीं की होती है और उन्हीं की होनी भी चाहिए। प्रशंसनीय 🎇🎇🎇🎇🎇🎇🎇🎇🎇 आप हमेशा यूं ही लिखती रहें और यूं ही इतिहास की नई-नई जानकारी से हम सबको अवगत कराती रहें।
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    उमेश पंडित
    15 मार्च 2024
    चांद मियां की गद्दारी सच में हृदय विदिर्ण करने वाली और मन में उसके प्रति और ज्यादा नफरत पैदा करने वाली है। लेकिन जो सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने गद्दार सिंधिया की गद्दारी के विषय में लिखा है उस पर आपने कोई टिप्पणी क्यों नहीं की ? आज भी उस नीच गद्दार के वंशज सत्ता का पूर्ण सुख भोग रहे हैं वहीं इसके विपरित रानी के वंशजों का भारतीय राजनीति में कोई स्थान नहीं है। इस बात का बहुत और बहुत ही ज्यादा दुःख होता है।